प्रवासी भारतीय समुदाय की सफलता से मिलती प्रेरणा
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अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय प्रवासी समुदाय की सफलता बढ़ती जा रही है।
कुछ तथ्य –
- प्रौद्योगिकी और व्यवसाय से लेकर स्वास्थ्य सेवा, शि़क्षा और सार्वजनिक नीति तक अमेरिका में भारतीय प्रवासियों ने बहुत योगदान दिया है। वहाँ इनकी संख्या 50 लाख के करीब है। अमेरिका के कर कोष में इनकी भागीदारी 5.6% है।
- इतना ही नहीं, वे अपने देश को भी वापस दे रहे हैं। 2022-23 में लगभग 26 अरब डॉलर का प्रेषण (रेमीटेंसेस) किया गया है।
- पश्चिम यूरोप और अन्य जगहों पर भी भारतीय प्रवासियों की कमोवेश यही कहानी है।
- वास्तव में, अगर दुनिया भर में फैले 3 करोड़ से अधिक भारतीय प्रवासियों की ताकत को ध्यान में रखा जाए, तो हमारा जीडीपी 5 खरब हो जाता है।
- विकसित देशों की जन्मदर कम हो रही है, और जनसंख्या वृद्ध हो रही है। ऐसे में वहाँ कर्मियों की कमी भारत की बड़ी युवा आबादी को अच्छा अवसर प्रदान करती है।
- इसके लिए राज्यों और केंद्र में युवा कौशल और प्रवास में मदद करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
- केंद्र के स्तर पर एक प्रवासन मंत्रालय बनाया जा सकता है, जो विदेश मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय और राज्यों के साथ समनवय करके दुनियाभर के देशों में भारतीय श्रमिकों के प्रवास के लिए तंत्र को व्यवस्थित रूप प्रदान कर सके। इससे अवैध प्रवास पर अंकुश लग सकता है। यह भारत की बेरोजगारी की समस्या से निपटने में भी मदद करेगा।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 15 अगस्त, 2024