प्रतिभावान छात्र विदेश क्यों चले जाते हैं ?
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हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने छात्रों से देश के लिए काम करने और विदेश में नहीं पढ़ने की अपील की है। यह कई कारणों से गलत हो सकता है, क्योंकि –
- लोग, अपने देश में उपलब्ध नहीं होने वाले या पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपना देश छोड़ते हैं।
- विदेश में प्रवास करना या अध्ययन करना आसान नहीं है। यह बहुत महंगा भी है। जो लोग इस यात्रा के लिए तैयार होते है, वे लागत-लाभ का विश्लेषण करते हैं। यदि नेता अच्छे छात्रों के भारत छोड़ने को लेकर चिंतित हैं, तो उन्हें इस लागत-लाभ विश्लेषण को बदलने पर विचार करना चाहिए।
- देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आपूर्ति में सुधार तथा अधिक सक्षम आर्थिक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।
- विदेशों में बसे भारतीय, चाहे छात्र हो या पेशेवर या उद्यमी, भारत के लिए एक संपत्ति हैं। ये प्रवासी भारत के प्रति विदेशियों के दृष्टिकोण में सुधार करते हैं। ये भारत के लिए बोलते हैं, और निवेश व विचारों का स्रोत बनते हैं।
‘देश के लिए काम करें’ एक नेक विचार, एक अच्छी सलाह की तरह लगता है। लेकिन जीवन के निर्णय लेने वाले युवाओं के लिए इसका कोई ठोस अर्थ नहीं है। उनके लिए महत्वपूर्ण यह है कि देश में क्या काम होता है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 10 जुलाई 2023
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