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न्यूरालिंक – ब्रेन चिप
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एलन मस्क के ब्रेनचिप स्टार्टअप ‘न्यूरालिंक’ ने इंसानी दिमाग में चिप लगाने में सफलता प्राप्त की है। चिप का नाम ‘लिंक’ रखा गया है। यह एक सिक्के के बराबर का यंत्र है, जो सर्जरी के द्वारा आसानी से दिमाग का हिस्सा बन जाएगा। इसे टेलीपेथी कहा गया है, यानी, दिमाग की सोच के सहारे स्मार्टफोन और कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकेगा। इसके लिए मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित किए जाते हैं।
ब्रेन-चिप का उद्देश्य और अपेक्षित लाभ –
1) इसका उद्देश्य लकवा, मिर्गी, पार्किसंस जैसी स्थितियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। न्यूरालिंक के प्रयोग से आगे चलकर पैथोलॉजिकल और न्यूरोलॉलिकल बीमारियों की पहचान व उपचार हो सकेगा। स्मृतिदोष से जुड़ी बीमारियों के इलाज में इससे काफी मदद मिलेगी। डिप्रेशन, एंगजाइटी का उपचार आसान होगा। दृष्बिाधित लोग भी देखने लगेंगे।
2)भविष्य में इंसान बस सोचकर ही गैजेट्स चला लेंगे। यह यंत्र मानव के दिमाग और कम्प्यूटर के बीच सीधे संपर्क स्थापित करेगा। न्यूरलचिप लोगों को उनकी यादों को संभालकर रखने, यानी स्मार्टफोन की तरह ही बैकअप मैमोरी बनाने का मौका देगी। इसके जरिए लोगों की याददाश्त को भी बढ़ाया जा सकेगा।
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