मध्यवर्ग के विस्तार से जुड़े चार स्तंभ
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हाल के कुछ वर्षों में भारत के मध्यवर्ग का तेजी से विस्तार हुआ है। अगर संख्या की दृष्टि से बात करें, तो लगभग एक-तिहाई जनसंख्या मध्यवर्ग के घेरे में आ चुकी है। इसको देखते हुए सरकार ने बजट में प्रत्यक्ष करों को कम करने का निर्णय लिया है। मध्य-वर्ग के लिए यह राहत की बात है। जनसंख्या के बड़े भाग के मध्य वर्ग में शामिल होने के पीछे के सरकार के प्रयासों को चार भागों में बांटकर देखा जा सकता है।
1) सम्पन्नता (मुद्रास्फीति में नियंत्रण के माध्यम से समृद्धि)
– 2014 और 2022 के बीच आठ वर्षों में, वार्षिक मुद्रास्फीति 4.6% थी।
– कई वैश्विक संकटों के बावजूद 2022 में कज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.7% पर था। यह जी-20 समूह के कई देशों से काफी कम था।
– 2014 में स्टूडेंट लोन 14% था, जो 2022 में गिरकर 8% रह गया था।
– ऋण की दरों में समग्र गिरावट से मध्यवर्गीय परिवारों के लिए घर और कार खरीदना आसान हुआ।
– जीएसटी की ‘एक राष्ट्र-एक कर’ पहल से अनुमानित 18 लाख करोड़ रुपये की सकल बचत हुई है।
– पीएम मुद्रा योजना के 38 करोड़ लाभार्थियों में से 12 करोड़ मध्यम वर्ग के व्यक्ति थे।
– ठोस मौद्रिक नीतियों और बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने से सकल एनपीए घटकर 5.8% हो गया है।
2) सुरक्षित भविष्य (स्वस्थ भविष्य की सुरक्षा)
– सस्ती स्वास्थ्य सेवा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जीवन स्तर में सुधार के लिए महत्वपूर्ण होती है। दोनों ही पहलुओं पर सरकार ने बेहतर काम किया है।
– पिछले नौ सालों में 353 नए विश्वविद्यालायों की स्थापना की गई है।
– 15 नए एम्स और 261 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।
– 2014 में जहाँ भारत के केवल नौ विश्वविद्यालय ही वैश्विक सूची में थे, वहीं 2023 में 41 विश्वविद्यालय शामिल हो गए हैं।
– 50-90% सस्ती जेनेटिक दवाओं का वितरण 9,000 जन औषधि केंद्रों पर किया जा रहा है।
– आयुष्मान भारत के 5 लाख केंद्र हैं।
3) श्रेष्ठ जीवन (एक बेहतर जीवन)
– 2022 तक 1.65 लाख कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।
– भारत के 20 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी है। हम विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क बनने से एक साल दूर हैं।
– भारत में प्रति व्यक्ति मोबाइल डेटा खपत सबसे अधिक है।
– 5 जी कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ती जा रही है। यह ऑनलाइन शिक्षा में जबरदस्त लाभकारी हो सकती है। यह टेलीमेडिसिन और सरकारी सेवाओं के प्रभावी वितरण में सफलता प्रदान करेगी।
– शहरी योजनाओं में 18 खरब रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। इससे आवास, परिवहन, नल जल कनेक्शन और अपशिष्ट प्रबंधन में मदद मिली है। पावर सप्लाई बढ़ी है।
4) सरलता (परेशानी मुक्त जीवन)
– भारत के कैशलेस डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
– डिजिटलीकरण की शुरूआत के साथ डिजिलॉकर, पेपरलेस सर्टिफिकेट ऑथेटिंकेशन और डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा बढ़ती जा रही है।
अनेक क्षेत्रों में भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा ने हमारे बीच गर्व की एक नई भावना पैदा की है। एक ओर तो देश में गरीबों और कमजोरों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की व्यापक व्यवस्था हैए वहीं दूसरी ओर मध्यम वर्ग के लिए समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता है। ऐसा तंत्र दुनिया के लिए एक वैकल्पिक विकास मॉडल साबित हो रहा है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित परमेश्वर अय्यर के लेख पर आधारित। 14 फरवरी, 2023