लापता बच्चे

Afeias
07 Aug 2025
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भारत में गुमशुदा या लापता बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। बच्चों की सुरक्षा किसी राष्ट्र के नैतिक मूल्यों से जुड़ी होती है। भारत को भी इस मोर्चें पर सुधार की जरूरत है।

कुछ तथ्य –

  • 2024-25 में लगभग 45,000 बच्चों को शोषण से बचाया गया है। इनमें से 90% को बालश्रम में लगाया गया था।
  • एनसीआरबी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 47,000 से अधिक बच्चे लापता सूची में हैं। इनमें से 71.4% नाबालिग लड़कियां हैं।
  • अधिकांश लापता बच्चों को बाल-श्रम, भीख मांगने या यौन शोषण के लिए मजबूर किया जाता है।
  • खोया-पाया जैसे नागरिक प्लेटफार्म ने कुछ बच्चों को उनके परिवार से जुड़ने में मदद की है।
  • असली रोकथाम ऐसे रैकेट और प्रतिष्ठानों में शामिल व्यक्तियों पर तुरंत मुकदमा चलाने में है, जहाँ बच्चों को रखा जाता है, और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
  • संगठित तस्करी नेटवर्क की पहचान और उन्हें खत्म करने के लिए प्रवर्तन प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए।
  • बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के मूल कारणों को दूर करना भी उतना ही जरूरी है।
  • सामुदायिक सतर्कता नेटवर्क की मदद से भी बच्चों की उठाईगिरी को रोका जा सकता है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित प्रयास होने चाहिए।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्समें प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 07 जुलाई, 2025