लाल सागर के आतंक से कैसे निपटा जाए

Afeias
15 Jan 2024
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उत्तरी हिंद महासागर से लेकर लाल सागर तक फैले समुद्र में आजकल हाउथी विद्रोहियों के हमले काफी उग्र और संख्या में बढ गए हैं। हाल ही में दो भारतीय वाणिज्यिक जहाजों पर भी हमले हुए हैं।

हाउथी विद्रोही कौन हैं?

ये यमन के शिया विद्रोही हैं, जो देश के उत्तरी भाग पर नियंत्रण रखते हैं। इनका विरोध मुख्यतः इजराजल से संबंधित जहाजों से रहा है। लेकिन हाल ही कुछ घटनाओं में ये अन्य जहाजों को भी निशाना बना रहे हैं।

इनका मुख्य उद्देश्य ज़ायरी शियाओं के प्रभाव को बढ़ाना और हदीश को मानने वाले सुन्नी मुसलमानों के प्रभाव को कम करना है। यमन के इन विद्रोहियों के अन्य जहाजों पर हमले से एक बात तो स्पष्ट है कि इनके ईरानी समर्थक रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्वी के लिए ऐसा करवा रहे हैं। लेकिन तेहरान फिलहाल इससे इंकार कर रहा है।

लाल सागर का इतना महत्व क्यों है?

लगभग 2000 कि.मी. में फैला लाल सागर, भूमध्य सागर और हिंद महासागर को स्वेज़ कैनाल के माध्यम से जोड़ता है। इससे पहले यूरोप और एशिया के बीच चलने वाले जहाजों को दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से घूमकर आना पड़ता था। स्वेज कैनाल से समय और संसाधन दोनों की बचत हो गई है।

भारत को क्या करना चाहिए?

  • अपने मालवाहक जहाजों की सुरक्षा के लिए ईरान से बातचीत करनी चाहिए।
  • हाल ही में अमेरिका ने ऐसे विद्रोहियों से निपटने के लिए बहुराष्ट्रीय नौसैनिक बल, ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन या ओपीजी शुरू किया है। डेनिश शिपिंग ने कहा है कि वह बल की सुरक्षा के तहत लाल सागर के माध्यम से पारगमन फिर से शुरू करेगा। भारत भी इस दिशा में विचार कर सकता है।

फिलहाल भारत ने अपनी नौसेना को सतर्क करके लाल सागर, अदन की खाड़ी, मध्य और उत्तरी अरब सागर में विध्वसंक और युद्धपोत तैनात कर दिये हैं। टास्क फोर्स ने समुद्री निगरानी बढ़ा दी है। नौसेना को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। भारतीय नौसेना को इस प्रयास में और अधिक मजबूती के साथ खड़े रहना चाहिए। उम्मीद की जा सकती है कि बहुराष्ट्रीय समन्वय से इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जा सकेगा।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 26 दिसंबर, 2023

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