खेलो भारत नीति
To Download Click Here.

भारत ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी में अपनी रुचि दिखाई है। इस आकांक्षा को पूरा करने की दिशा में खेलों को प्राथमिकता भी दी जा रही है। स्वाभाविक है कि ओलंपिक की तैयारी और प्रत्याशा में देश को कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी का अवसर मिल सकता है।
इसकी तैयारी पर कुछ बिंदु –
1). एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव –
खेलो भारत नीति (राष्ट्रीय खेल नीति) को हाल ही में मंत्रीमण्डल ने पारित किया है। इस नीति के कई सार्थक पहलू हैं।
2). प्रवासी भारतीय नागरिकों को शामिल करना –
नीति में भारतीय मूल के प्रमुख एथलीटों को वापस बुलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलने को प्रोत्साहन देने की बात बहुत महत्वपूर्ण है। ज्ञातव्य हो कि 2008 से प्रवासी भारतीय नागरिकों को भारत के प्रतिनिधित्व से बाहर रखा गया है। तब से फुटबॉल जैसे खेलों मे भारत का प्रदर्शन गिरा है। खेल उत्कृष्टता की दिशा में यह ‘गेमचेंजर‘ सिद्ध हो सकता है।
3). नीति के अन्य पहलू –
- सामाजिक विकास के लिए खेलों को प्रोत्साहन देना।
- आर्थिक विकास के लिए खेल-आयोजनों, विनिर्माण और नौकरियों के माध्यम से उद्योग और विकास में योगदान।
- सामुदायिक स्तर पर खेलों को बढ़ावा देकर, इसे एक जन आंदोलन का रूप देना।
- शिक्षा में खेल को शामिल करके प्रतिभाओं को तैयार करना।
राष्ट्रीय खेल नीति से भारतीय खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता जैसी सकारात्मकता पनपेगी। यह एक नए युग का सूत्रपात करेगी।
विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित। 7 जुलाई, 2025