डिजिटल इंडिया मिशन के लाभ

Afeias
02 Aug 2025
A+ A-

To Download Click Here.

एक दशक पहले हमनें एक नई डिजिटल इंडिया यात्रा की शुरूआत की थी। तकनीक को हमेशा अमीर-गरीब की खाई गहरी करने वाला माना गया है। लेकिन आज भारतीयों का जीवन देखकर हम जान सकते हैं कि शासन से लेकर लेन-देन निर्माण तक सबमें डिजिटल इंडिया का उपयोग है। ‘डिजिटल इंडिया मिशन’ समावेशिता, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए शुरू हुआ था।

  • 2014 में 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जिनकी संख्या अब 97 करोड़ से ज्यादा है।
  • 42 लाख किलोमीटर की आप्टिकल फाइबर, जो पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी का 11 गुना है, अब दूरस्थ गाँवों को जोड़ रही है।
  • मात्र 2 वर्षों में 4.81 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए है। भारत का 5 जी रोलआउट विश्व में सबसे तेज रोलआउट्स में से एक है, जो शहरों तथा दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँच रहा है।
  • इंडिया स्टैक (डिजिटल इंडिया का बैकबोन) जो यूपीआई जैसे प्लेटफार्म को सक्षम बनाता है, 100 बिलियन से ज्यादा लेन-देन करता है। यह विश्व के रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन का 50% है।
  • 44 लाख करोड़ का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया गया। इससे मध्यस्थों की भूमिका समाप्त हुई तथा 3.48 लाख करोड़ की लीकेज भी रोकी गई।
  • स्वामित्व जैसी योजनाओं ने 2.4 करोड़ से अधिक प्रापर्टी कार्ड्स जारी किए। 6.47 लाख गाँवों को मैप किया है। इनसे भूमि संबंधी अनिश्चितताएँ समाप्त हुई।
  • ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कामर्स से विक्रेताओं व खरीदारों को एक बड़ा प्लेटफार्म मिल गया है। ऐसा ही गर्वनमेंट ई मार्केट प्लेस द्वारा भी होता है। इससे नागरिकों को विशाल बाजार मिलता है, और सरकार की भी बचत होती है।
  • ओएनडीसी ने 20 करोड़ लेन-देन का आंकड़ा पार किया।
  • भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रकचर अब वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है। कोविन ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सक्षम किया, जिससे 220 करोड़ क्यूआर सत्यापित सर्टिफिकेट जारी हुए।
  • डिजिलॉकर के 54 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। G-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा 25 मिलियन डॉलर का सोशल इंपैक्ट फंड जारी किया गया।
  • 8 लाख स्टार्टअप के साथ भारत का स्टार्टअप में तीसरा स्थान है, जिससे युवाओं में एआई स्किल्स व टैलेंट भी विकसित हो रहा है।
  • भारत ने 34000 जीपीयू तक पहुँच सबसे कम मूल्य में सुनिश्चित की है, जो एक डॉलर से भी कम जीपीयू प्रति घंटा है।
  • भारत ने मानवता पहल एआई का समर्थन किया है। ‘नई दिल्ली डिक्लेरेशन आन एआई‘ जिम्मेदारी के साथ नवाचार को बढावा देने की बात करता है। देश भर में ‘एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस‘ स्थापित किए गए है।
  • डिजिटल इंडिया एवं इंडिया फर्स्ट से इंडिया फार द वर्ल्ड की ओर बढ़ रहा है।

*****