भूख से लड़ती एक विश्वस्तरीय संस्था

Afeias
23 Oct 2020
A+ A-

Date:23-10-20

To Download Click Here.

नार्वेजिंयन नोबेल समिति ने 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यू एफ पी)  को चुना है। इसके पीछे इस संगठन की भूख को खत्म करने के प्रयास हैं। संगठन की स्थापना 1961 में की गई थी। तभी से यह संघर्षरत क्षेत्रों में भूख को हथियार की तरह इस्तेमाल न किए जाने देने की दिशा में काम कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास लक्ष्यों में 2030 तक धरती से भूख से होने वाली समस्याओं को जड़ से उखाड़ फेंकने का लक्ष्य भी है। इस हेतु विश्व खाद्य कार्यक्रम ही प्रमुख एजेंसी के तौर पर काम कर रहा है। इस एजेंसी के अनुसार विश्व में लगभग 69 करोड़ लोग भूख से पीडित हैं। इनमें से 60% लोग संघर्षरत देशों के रहवासी हैं। कोविड-19 के चलते इनकी संख्या और भी बढ़ गई है।

भारत में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की भूमिका

  • भारत में यह एजेंसी 1963 से काम कर रही है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनेक सुधारों की अनुशंसा करने के साथ ही यह नीतियों में बदलाव और भोजन उपलब्ध कराने में तकनीक की सहायता पर भी काम कर रही है।
  • संगठन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बेहतर कार्यान्वयन के लिए खाद्यान्न डिस्पेंसिंग मशीन (आपूर्ति) और मोबाईल भंडारण यूनिट की वकालत की है।
  • एजेंसी ने वाराणसी में सरकार की मध्यान्ह भोजन योजना में फोर्टिफाइड चावल के उपयोग के लक्ष्य को पूरा कर लिया है।
  • महामारी के दौरान भी एजेंसी ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर तेजी से काम किया है।
  • हाल ही में एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसके माध्यम से आंगनबाड़ी योजना में गुणवत्ता वाला खाद्यान्न दिया जा सकेगा।

एजेंसी का उद्देश्य और कार्य भोजन में माइक्रोपोषक तत्वों की कमी को पूरा करना, बाल मृत्यु दर को कम करना माताओं के स्वास्थय को बेहतर बनाना तथा एच आई वी एड्स जैसी बिमारियों से जंग जीतना आदि भी हैं। इस संस्था ने यमन दक्षिणी सूडान और बुर्किना फासो आदि 88 देशों में असंख्य लोगों को भूख से उबारा है। महामारी के दौर में एजेंसी ने कहा है कि ‘जब तक हमें एक वैक्सीन नहीं मिल जाती है तब तक भोजन ही सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन हो सकता है।’

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित हरिशंकर शर्मा के लेख पर आधारित। 10 अक्टूबर, 2020

Subscribe Our Newsletter