भारत में बुजुर्गों की देखभाल संबंधी योजना
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- भारत में तीन प्रमुख जनसांख्यिकीय रुझान हैं। एक, कामकाजी उम्र के युवा; दो, विभिन्न राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर का अंतर; तीन, वृद्ध होती जनसंख्या।
- वर्तमान में, 60 से ऊपर की उम्र वाले 10% हैं। 2030 तक इनके 12% , और 2050 तक 20% होने का अनुमान है।
- इसे देखते हुए नीति आयोग ने भारत में बुजुर्गों की देखभाल में सुधार संबंधी सशक्त योजना बनाई है। इसका उद्देश्य वृद्धावस्था को उत्पादक और जीवट बनाना है।
- डेटा बताते हैं कि 33% बुजुर्गों को अवसाद की समस्या है। 30% वृद्ध जीवन से असंतुष्ट हैं।
- योजना का उद्देश्य बुजुर्गों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और क्षमताओं में सुधार करना, वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों में बेहतर देखभाल, वृद्धों के लिए निगरानी तंत्र, आपातकालीन आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना है।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक तरलता को बढ़ाने हेतु रिवर्स मॉर्टगेज तंत्र शुरू करने का प्रयास किया गया है।
- उनके लिए अनिवार्य बचत योजनाएं, वरिष्ठ देखभाल उत्पादों पर कर और जीएसटी सुधार किए जाने की योजना है। निजी क्षेत्रों को बुजुर्गों के लिए बीमा योजना लाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
भारत में बुजुर्गों की बढ़ती समृद्धि और बचत प्रवृत्ति के साथ यह एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग भी है। उनसे जुड़ी अर्थव्यवस्था लगभग 7 अरब डॉलर की है। यह उन्हें अपने आप में अलग उपभोक्ता समूह बना देता है। इसकी रक्षा व देखभाल की जानी चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 23 फरवरी, 2024