भारत में साहसिक पर्यटन या एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े कुछ बिंदु
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- 2020 के सूचकांक के अनुसार भारत साहसिक पर्यटन में अग्रणी 191 देशों की सूची में 96वें स्थान पर है। भूटान (14वां) और नेपाल (67वां) इससे काफी ऊपर हैं।
- इसका कारण बुनियादी ढांचे की कमी, प्रशिक्षित कर्मियों की कमी, कड़े सुरक्षा दिशा-निर्देशों का अभाव और भारत सरकार, राज्यों, निजी क्षेत्र और स्थानीय समुदायों के बीच नीति-निर्माण में एकजुटता का न होना है।
- भारत के पर्यटन मंत्रालय ने 2022 में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रणनीति जारी की है। इसके अंतर्गत साहसिक पर्यटन के लिए स्थलों का विकास, प्रशिक्षण, एक्टिवी सर्विस प्रोवाइडर की उपलब्धता, कौशल-विकास, क्षमता-निर्माण और मार्केटिंग की जाएगी।
- इंक्रेडिबल इंडिया या अतुल्य भारत अभियान के तहत एक सब-ब्रैंड की भी योजना है। इस क्षेत्र में राज्यों को रैंकिंग भी दी जाएगी। इन स्वस्थ प्रतिस्पर्धओं से निजी निवेश के आने और धारणीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
- सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का बचाव और संचार ग्रिड निर्माणाधीन है।
भारत में साहसिक गतिविधियों पर कोई व्यापक डेटा उपलब्ध नहीं है। फिर भी भारत में डीकैथलॉन ( रोमांचक खेलों से जुड़ी सामग्री वाला स्टोरद्ध ने 2022 की तुलना में 2023 की अपनी बिक्री में 35% वृद्धि दर्ज की है। इंडिया हाइक्स ने भी पिछले 10 वर्षों में 100% की वृद्धि दिखाई है। भारत में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इससे राजस्व, रोजगार और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 24 फरवरी, 2024
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