भारत में कई छोटे राज्य क्यों होने चाहिए ?
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भारत एक महाद्वीप के आकार का विशाल देश है। वर्तमान में यहाँ जितने राज्य हैं, उनकी संख्या कहीं ज्यादा होनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि तभी उस क्षेत्र का विकास सही ढंग से हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर उत्तर प्रदेश को ही लें, तो हम पाते हैं कि जनसंख्या के हिसाब से तो यह चौथा बड़ा देश हो सकता है। लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में यह केन्या के आसपास ठहरता है। ऐसे और भी कई प्रमाण हैं, जो यह बताते हैं कि छोटे राज्य बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
कुछ बिंदु –
- ग्यारहवें योजना दस्तावेज में नए बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड राज्यों ने यूपी और एमपी जैसे अपने पेरेण्ट राज्यों से तेजी से आर्थिक उन्नति की है। इसका कारण उनका आकार में छोटा होना और संसाधनों का विकेंद्रीकरण है।
- राजनैतिक शक्ति बड़े राज्यों में ही केंद्रित होकर रह जाती है। यद्यपि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे दो बड़े राज्य अधिकांश आर्थिक लाभ दे रहे हैं, लेकिन ये राजनैतिक शक्ति को भी अपनी ओर खीचें रखते हैं। परिसीमन के बाद यह असंतुलन और भी गहराएगा। संघवाद के स्वास्थ्य के लिए यह ठीक नहीं कहा जा सकता है।
त्रिपुरा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में अलग तिप्रालैंड की मांग की जा रही है। त्रिपुरा पहले से ही एक छोटा राज्य है। उसके संदर्भ में भले ही यह मांग उचित न हो, लेकिन छोटे राज्यों का विचार देशहित में है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 16 फरवरी, 2023
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