
भारत में कई छोटे राज्य क्यों होने चाहिए ?
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कुछ बिंदु –
- ग्यारहवें योजना दस्तावेज में नए बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड राज्यों ने यूपी और एमपी जैसे अपने पेरेण्ट राज्यों से तेजी से आर्थिक उन्नति की है। इसका कारण उनका आकार में छोटा होना और संसाधनों का विकेंद्रीकरण है।
- राजनैतिक शक्ति बड़े राज्यों में ही केंद्रित होकर रह जाती है। यद्यपि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे दो बड़े राज्य अधिकांश आर्थिक लाभ दे रहे हैं, लेकिन ये राजनैतिक शक्ति को भी अपनी ओर खीचें रखते हैं। परिसीमन के बाद यह असंतुलन और भी गहराएगा। संघवाद के स्वास्थ्य के लिए यह ठीक नहीं कहा जा सकता है।
त्रिपुरा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में अलग तिप्रालैंड की मांग की जा रही है। त्रिपुरा पहले से ही एक छोटा राज्य है। उसके संदर्भ में भले ही यह मांग उचित न हो, लेकिन छोटे राज्यों का विचार देशहित में है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 16 फरवरी, 2023