आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट

Afeias
22 Oct 2025
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नीति आयोग की एक नई रिपोर्ट में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के प्रयोग के जरिए एक त्वरित आर्थिक विकास का ढांचा पेश किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्पादकता में सुधार से 2035 तक 500-600 अरब डॉलर का और अनुसंधान एवं नवाचार को तेज करने से अतिरिक्त 280-475 अरब डॉलर का लाभ हो सकता है।

  • भारत में तकनीकि जानकारी रखने वाला विशाल कार्यबल है। डिजिटल व रिसर्च एवं अनुसंधान ढांचे का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। इससे भारत वैश्विक एआई पूल में 10-15% हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार भारत वैश्विक डाटा केंद्र भी बन सकता है और हम विनिर्माण, दवा, वित्तीय सेवाएँ एवं वाहन उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेज विकास के द्वारा खोल सकते हैं।
  • भारत के दवा बाजार का 80% हिस्सा जेनेरिक दवाओं का है, क्योंकि इसमें आर एंड डी पर अधिक खर्च आता है, तथा समय भी लगता है। एआई के माध्यम से इन दोनों में मदद मिल सकती है। विशाल जीन पूल और औषधि विज्ञान में विशेषज्ञता से भारत वैश्विक नवाचारकर्ता बन सकता है।
  • साफ्टवेयर की मदद से संचालित वाहनों में एआई डिजाइन, परीक्षण और उपकरणों के संयोजन को संचालित कर सकता है। एआई से तैयार औद्योगिक पार्क की स्थापना, स्वच्छ ऊर्जा कारखानों के विकास और दमदार प्रदर्शन करने वाले लैब एवं कौशल केंद्रों की मदद से भारत त्वरित नवाचार को बढ़ावा दे सकता है और अगली पीढ़ी के यातायात साधनों का अग्रणी बन सकता है।

एआई के समक्ष चुनौतियाँ –

  • तकनीक के प्रयोग के साथ नवाचार की प्रगति को बाधित किए बिना नियामकीय ढांचा तैयार करना होगा, जिससे नागरिकों के हित सुरक्षित रहें।
  • डेटा सुरक्षा एवं डिजिटल व्यक्तिगत डेटा अधिनियम में प्रस्तावित नियम आने के बाद डेटा की गोपनीयता पर स्थिति साफ हो जाएगी।
  • रिपोर्ट में मानव पूँजी के रूप में भी अहम् चुनौती रेखांकित की गई है।
  • एआई के द्वारा नियमित कौशल वाले लोगों की नौकरियों पर भी खतरा है।

इन चुनौतियों के लिए उपाय –

  • सरकार को उद्योग और शिक्षा व्यवस्था के बीच मजबूत समन्वय एवं एक ठोस समावेशी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।
  • कार्यबल को बदलते समय के साथ आवश्यक हुनर से लैस करना चाहिए। एआई क्षमताओं तक सबकी सरल पहुँच हो तथा इसके प्रति एक समन्वित दृष्टिकोण भी हो।
  • एआई के प्रयोग में जवाबदेही भी तय की जाए।
  • एआई के संप्रभु ढांचे में निवेश, क्षेत्र विशेष डेटा प्लेटफार्म जैसे विनिर्माण डेटा ग्रिड का भी विकास किया जाए।
  • एक टिकाऊ कारोबारी तंत्र भी विकसित करना चाहिए।

सरकार द्वारा 10,000 करोड़ रुपये से ‘इंडिया एआई मिशन‘ शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य डेटा लैब एवं ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करना है। भारत के लिए विशिष्ट लार्ज लैंग्वेज मॉडल विकसित करना और राष्ट्रीय कौशल योजना में एआई का समावेश करना है। इससे डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर व जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए एआई की नींव तैयार होगी।

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