अमेरिकी सहायता बंद होने का दक्षिण एशिया पर प्रभाव

Afeias
06 Mar 2025
A+ A-

To Download Click Here.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण एशिया में दी जाने वाली मानवीय सहायता (यूएसएआईडी) को रोकने का निर्णय लिया है। इससे पड़ने वाले प्रभाव और भारत की भूमिका पर कुछ बिंदु –

  • दक्षिण एशियाई देशों में ऋृण पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें से कई देश सामूहिक ऋृण से ग्रस्त हैं, कुछ द्विपक्षीय लेनदार और बॉन्डधारक हैं।
  • इस क्षेत्र में सबसे बड़ा ऋृणदाता चीन रहा है। अमेरिका की भागीदारी छिटपुट रही है।
  • इस क्षेत्र को ऋृण से उबारने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत ने कोरोना-काल के बाद ऋृण में फंसे बहुत से देशों को जी-20 समूह की मदद से बाहर निकाला है।
  • ऐसी आशंका है कि ट्रंप सरकार निवेश, व्यापार, ऋृण और सहायता के सभी पक्षों पर अमेरिका को अलग रखने का प्रयत्न करेगी। इसका प्रभाव दक्षिण एशियाई देशों पर पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन इस क्षेत्र का बहुत सा कार्यबल विश्व अर्थव्यवस्था में विशेष स्थान रखता है। यदि यह कार्यबल ट्रंप की नीतियों के भीतर काम कर सकता है, तो क्षेत्र को व्यापारिक हानि कम होगी।
  • भारत को अपनी रचनात्मक भूमिका निभाने का यह अच्छा अवसर है। पड़ोसी देशों से संबंधों की मजबूती की दिशा में प्रयास बढ़ाया जाना चाहिए। सार्क जैसे संगठनों की इसमें अहम भूमिका हो सकती है। फिलहाल भारत भूटान, नेपाल, मालदीव, मारीशस, सेशेल्स, कुछ अफ्रीकी और कैरेबियाई देशों को ऋृण-सहायता दे ही रहा है। अमेरिकी सहायता बंद होने के बाद इसे विस्तार दिया जाना चाहिए।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 फरवरी, 2025