खाद्य असुरक्षा से प्रभावित शिक्षा
Date:18-10-19 To Download Click Here.
सर्वशिक्षा अभियान और मध्यान्ह भोजन योजना के चलते स्कूलों में पंजीकरण बढ़ा है। परन्तु नए शोध बताते हैं कि घरों में भोजन प्राप्ति की असुरक्षा के कारण स्कूली बच्चों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है।
यू.के. और भारत के संयुक्त प्रयास से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के 1900 से अधिक बच्चों पर सर्वेक्षण किया गया। उसके आधार पर इस प्रकार के परिणाम प्राप्त हुए।
- जिन बच्चों ने बचपन में भोजन के लिए अलग-अलग स्तरों पर संघर्ष किया, वे किशोरावस्था में अपने सहपाठियों से पिछड़े हुए रहे।
- जिन बच्चों ने लगभग 5 वर्ष की उम्र से घर में खाद्य असुरक्षा देखी, उन बच्चों में सीखने की क्षमता पर बहुत प्रभाव पड़ा।
- घरों में भोजन की असुरक्षा कुछ समय तक ही देखने वाले बच्चो के पढ़ने और शब्दावली में कोई कमी नहीं थी। इन बच्चों के गणितीय कौशल में कमी देखी गई।
प्रारंभिक स्तर पर सरकारी हस्तक्षेप की मांग
- इन स्थितियों को देखते हुए शोधकर्ताओं ने सरकार से पढ़ाई के प्रारंभिक वर्षों में ही कदम उठाने की मांग की है। उनका मानना है कि पाठ्यक्रम के संचयी होने के कारण खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे बच्चों के लिए बाद में सीखना-समझना मुश्किल हो जाता है। सही उम्र पर शिक्षण और सहयोगी शिक्षा कार्यक्रमों की मदद से ही पिछड़ चुके बच्चों को पटरी पर लाया जा सकता है।
अध्ययन से यह भी पता चला है कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से सीखने-समझने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इस कार्यक्रम को सुबह के नाश्ते तक विस्तृत किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे खाद्य असुरक्षा की क्षति से पीड़ित बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को बचाया जा सकता है।
बिट्स पिलानी के डॉ० वेल्लकल ने अपने पत्र में कहा है कि बाल विकास कार्यक्रमों का बजट बढ़ाकर और उनका प्रभावशाली क्रियान्वयन करके समस्या से निपटा जा सकता है। बाल्यकाल में पोषक तत्वों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। निर्धन जनता के लिए सामुदायिक भोजन योजना चलाई जा सकती है। इसे स्थानीय निकाय चला सकते हैं।
ऐसे अनेक उदाहरण हैं कि शिक्षित कार्यबल से नवाचार को गति मिलती है, और देश तेजी से आगे बढ़ते हैं। खाद्य असुरक्षा से पीड़ित बच्चे स्कूलों में कम सीख पाते हैं। इससे देश की मानव पूंजी का हृास होता है, और आर्थिक प्रदर्शन बिगड़ता है।
‘द हिन्दू’ में प्रकाशित अश्वथी पाचा के लेख पर आधिारित। 29 सितम्बर, 2019