सिविल सर्विस 2017 के प्री-पेपर की समझ (समझ-बूझ से बनाएं रणनीति)

Afeias
06 Aug 2017
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सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी परीक्षा के अनुसार करने का आधार केवल न तो यह होना चाहिए कि इसके विषय क्या-क्या हैं, और न ही यह कि इसका सिलेबस कितना है। सच पूछिये तो यह भी नहीं कि इसके लिए कौन-कौन सी किताबें पढ़ या रट ली जानी चाहिए। यह एक ढर्रागत तैयारी है, जो इस परीक्षा के शरीर पर फिट नहीं बैठती। इसकी नामसमझी ही वह प्रमुख तथा सबसे बड़ा कारण है कि तीन-तीन, चार-चार साल तथा घर-बार छोड़कर अनवरत तैयारी करने के बावजूद बात बन नहीं पाती है।

दरअसल, इसकी सही और सटिक तैयारी का सारा सार (रहस्य नहीं) निहित केवल यह जानने में है कि प्रश्न पूछे कैसे जाते हैं, और हम किस तरह से और किन-किन से वैसी पढ़ाई करके उनके प्रश्नों के उत्तर इस तरह से दे सकते हैं, जो यूपीएससी की जरूरत है। एक ही टॉपिक से प्री और मुख्य परीक्षा और इन्टरव्यू में उस स्तर के प्रश्न पूछे जा सकते हैं, उस तरह से पूछे जा सकते हैं कि तथाकथित अच्छी तैयारी करने वाले के वे ऊपर से ही गुजर जायें ।

इसी तथ्य को केन्द्र में रखकर मैं आपकी सुविधा के लिए और विशेषकर आपको सतर्क करने के लिए सन् 2017 के प्री एक्जाम के सामान्य ज्ञान प्रथम प्रश्न पत्र का एक विश्लेषण प्रस्तुत कर रहा हूँ। इससे आपको सन् 2018 की वैज्ञानिक तैयारी करने में मदद मिलेगी।

मैंने यहाँ इस साल प्री में (सामान्य ज्ञान प्रथम) पूछे गये प्रश्नों को विषय के अनुसार वर्गीकृत न करके उनके स्तर तथा पूछने के तरीके की सरलता एवं जटिलता को आधार बनाकर वर्गीकृत किया है। इस वर्गीकरण में प्रश्नों के स्तर निर्धारित करते समय मैंने अपने दिमाग में उस परीक्षार्थी को अपना मानक (मॉडल) बनाया है, जो पिछले लगभग एक साल से तैयारी कर रहा है, और जो इस पेपर में 40 से 50 प्रतिशत के बीच स्कोर कर सकता है। इसलिए मेरे इस वर्गीकरण को सही-सही समझकर उसका समुचित लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि पहले आप अपने स्तर का निर्धारण कर लें कि आप कहाँ हैं। और फिर उसी के आधार पर इस वर्गीकरण को खुद पर लागू करें। उदाहरण के लिए हो सकता है कि मैंने जिन प्रश्नों को कठिन की श्रेणी में रखा है, वे आपके लिए बहुत कठिन की श्रेणी के हों, या फिर इसके ठीक उल्टा भी हो सकता है।

तो आइए, अब वर्गीकरण को देखते हैं।
पूछे गये कुल प्रश्न – 100

1. सरल प्रश्नों की संख्या 13 हैं। ये वे प्रश्न हैं, जिन्हें सामान्य तरीके से पढ़कर हल किया जा सकता है। इन्हें पूछने का तरीका भी काफी कुछ सरल और सीधा रहा है।

2. मध्यम् श्रेणी के प्रश्न लगभग 20-22 हैं। इनके लिए पढ़ाई थोड़े ठीक-ठाक ढंग से करनी होगी। और ये सीधे-सपाट तरीके से पूछे भी नहीं गये हैं।

3. कठिन प्रश्नों की संख्या भी लगभग 20-22 ही है। इनके लिए सतर्क होकर विशेष तरीके से पढ़ाई करनी होगी। यदि कुछ प्रश्न आसान भी हैं, तो पूछने के तरीके ने उन्हें जटिल बना दिया है।

4. समझ (अंडरस्टैंडिंग) पर आधारित प्रश्न लगभग 20 हैं। आपको लगेगा कि आप इसके बारे में जानते हैं। लेकिन विकल्पों की बारीकियां तथा घुमावदार वाक्य और उनकी संख्या आपको दुविधा में डाल देंगे। विषय की अच्छी समझ (पकड़) ही आपको इस दुविधा से उबार सकेंगे।

5. सामान्य समझ (कॉमन सेंस) से जुड़े प्रश्न 25 के आसपास हैं। ये वे प्रश्न हैं, जिन्हें आपने पढ़ा नहीं है। इधर-उधर की पढ़ी हुई बातें, व्यावहारिक समझ तथा प्रश्नों एवं इसके विकल्पों में आपकी मदद के लिए दिये गये कुछ सूत्रों को पकड़कर आप इनके सही उत्तर तक पहुँच सकते हैं। ये प्रश्न बड़े मजेदार होते हैं।

फिलहाल बस इतना ही। आखिरी सुझाव यह कि आप मेरे इस वर्गीकरण पर पूरी गंभीरता के साथ विचार करें और स्वयं पर लागू भी। तभी आपका इस लेख को पढ़ना सार्थक हो सकेगा।

नोट:- डॉविजय अग्रवाल द्वारा यह लेख सबसे पहले दैनिक जागरण ‘जोश‘ में प्रकाशित हो चुका है।