समय और सिलेबस में रखें तालमेल

Afeias
07 Apr 2019
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प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी के लिए फिलहाल आपके पास दो मुख्य उपकरण हैं- समय एवं सिलेबस। अपने इस लेख में मैं इन दोनों की बेहतरीन जुगलबंदी के बारे में कुछ बातें करूंगा।
यदि हम परीक्षा की दृष्टि से समय तथा सिलेबस (पढ़ाई), इन दोनों के बारे में सोचें, तो इनकी आकृतियां एक-दूसरे के विपरीत दिखाई देंगी। समय की आकृति एक कुप्पी की तरह होगी, जो सतह पर पतली होती है, और फिर ऊपर फैल जाती है। यानी कि आप जैसे-जैसे परीक्षा के दिनों के निकट पहुँचते जायेंगे, आपके पढ़ने के घंटों में इज़ाफा होते जाना चाहिए। जबकि अध्ययन का स्वरूप इसके विपरीत नीचे से फैला हुआ, किन्तु ऊपर की ओर क्रमशः पतला होता जायेगा, कुतुबमीनार की तरह। इसका अर्थ यह हुआ कि शुरू में आप अपनी पढ़ाई सिलेबस के अनुसार निरंतरता के साथ करते हैं। किन्तु परीक्षा की निकटता के सापेक्ष में यह प्रश्नपत्र केन्द्रीत होता जाता है। ऐसा होना ही चाहिए।
आपको इन दोनों आकृतियों को एक साथ लेकर चलना है। जब आप ऐसा करेंगे, तो आपको इन दोनों के सहसंबंध से एक अद्भूत अनुभूति होगी। यह अनुभूति इस बात से होगी कि शुरू में जब आपके पास समय कम है, तब पढ़ने के लिए ज्यादा है, जरुरत से कुछ ज्यादा ही। लेकिन बाद में जब समय ज्यादा है, तब पढ़ने के लिए कम है। सफल होने वाले परीक्षार्थियों की यही रणनीति होती है, जिसे आपको भी अपनाना चाहिए।
इसे अब मैं थोड़ा व्यावहारिक भाषा में बताना चाहूंगा। अभी आपके पास लगभग पौने तीन माह का सबसे कीमती समय है, जिसे यदि बहुत अधिक नहीं, तो बहुत कम भी नहीं कहा जा सकता, बशर्ते कि आप पहले से भी कुछ तैयारी कर रहे हों। अब आपको अपने समय का उपयोग इस प्रकार करना है कि उससे सर्वाधिक आउटपुट (लाभ) मिल सके। इसके लिए आप निम्न कुछ कदम उठा सकते हैं।

  • एक महिने का वक्त आपको सिलेबस को कवर करने में देना चाहिए। यदि सिलेबस के कुछ भाग छूट गये हों, तो उन्हें पूरा कर लें। और यदि पूरा हो चुका हो, तो उसे दुहरा लें। वैसे भी, अप्रैल के मध्य तक आपकी तैयारी लगभग-लगभग पूरी हो जानी चाहिए। इसमें सिलेबस को दुहराना भी शामिल है। इमरजेंसी की स्थिति में आप अधिक से अधिक पन्द्रह दिन और ले सकते हैं।
  • बेहतर है अप्रैल मध्य, अथवा एक मई से आपका अध्ययन पूर्णतः परीक्षा-केन्द्रीत हो जाये। इस परीक्षा-केन्द्रीत अध्ययन के दो मुख्य भाग होंगे। पहले भाग का संबंध आपके सिलेबस के उन टाॅपिक्स से है, जो महत्वपूर्ण हैं, और जिनसे सीधे-सीधे प्रश्न पूछ लिये जाते हैं। उदाहरण के लिए इतहास में स्वतंत्रता आंदोलन का दौर, संविधान में उद्देशिका,मूल अधिकार तथा नीति-निर्देशक तत्व आदि। दूसरे भाग का संबंध करेंट अफेयर्स से है। लगभग 50 प्रतिशत प्रश्न प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से समसामयिकता से ही जुड़े रहते हैं।
  • ध्यान रहे कि इस तैयारी के दौरान न्यूज एवं न्यूज पेपर से आपका अस्थायी तलाक होने न पाये। ये दोनों प्री में भी आपके बहुत काम आयेंगे।
  • अप्रैल के शुरू होते ही, यदि आप चाहें तो, मुख्य परीक्षा के ऑप्शनल विषय की तैयारी को बिल्कुल रोक दें। यह ठीक रहेगा।
  • अन्य निर्णय आपको अपनी आवश्यकताओं एवं परिस्थितियों के अनुसार लेने चाहिए। लेकिन हाँ, आवश्यकताओं को परिस्थितियों का गुलाम न बनने दें। ‘‘जो चाहिए, वह मिलना ही चाहिए, वह होना ही चाहिए‘‘ यह वाक्य आपके निर्णयों के केन्द्र में होना चाहिए।

– डाॅ॰ विजय अग्रवाल
(आप पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं afeias.com के संस्थापक हैं।)

Note: This article of Dr. Vijay Agrawal was published in “Jagran Josh” dated 13-March-2019.