विश्व को भारत की यूपीआई की पेशकश
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हाल ही में अबूधाबी में विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक हुई। उसमें भारत की भूमिका महत्वपूर्ण इसलिए रही, क्योंकि वह धन प्रेषण को वैश्विक स्तर पर सस्ता बनाने के लिए यूपीआई को एक व्यवहार्य साधन के रूप में उपलब्ध कराने को तैयार है। कुछ बिंदु –
- भारत से सबसे अधिक मजदूर विदेश जाते हैं। इस नाते वह धन हस्तातंरण इनफ्लो का सबसे बड़ा ग्राहक है।
- पिछले कुछ समय में क्रॉस बॉर्डर भुगतान स्तर में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसलिए भी भारत अपनी सस्ती डिजीटल भुगतान प्रणाली का प्रसार करना चाहता है।
- 2023 के तीसरे तिमाही में 200 डॉलर भेजने की औसत वैश्विक लागत 6.18% थी। यह जी 20 समूह के 5% लक्ष्य से भी अधिक थी।
- जी 8 समूह देशों में औसत लागत अपेक्षाकृत आंशिक रूप से कम है, क्योंकि वे डिजिटल हस्तांतरण भी करते हैं।
डिजिटल ढांचे को किसी बहुपक्षीय एजेंसी के सहयोग से बेहतर लागू किया जा सकता है। इस प्रकार के कार्यान्वयन के लिए भारत को सक्रिय रहना होगा। तभी सफलता की उम्मीद की जा सकती है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 26 फरवरी, 2024
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