उच्च आय वर्ग के प्रवास का प्रभाव

Afeias
13 Oct 2025
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पिछले कुछ वर्षों में उच्च आय वर्ग वाले भारतीयों के विदेश प्रवास की संख्या बढ़ी है। कुल मिलाकर भारत करोड़पतियों और कामगारों, दोनों प्रकार के प्रवासन का सामना कर रहा है। मुख्य रूप से उच्च आय वर्ग के लोगों का विदेश में प्रवास देश के लिए लाभदायी है।

कुछ बिंदु –

  • उच्च आय वर्ग का प्रवासन मेजवान देशों में अनुकूल नीतियों को आकार देकर भारतीय कामगारों के लिए विदेशी रोजगार बाजार में संभावना बढ़ा देता है।
  • जिन देशों को प्रवासन हो रहा है, उन देशों में पूंजी की कमी नहीं है। चुनौती इस बात की रहती है कि वे इस अतिरिक्त धन को अधिक से अधिक उत्पादक गतिविधियों में लगा सकें। इससे देश की संपत्ति की कीमत में बेहिसाब वृद्धि नहीं होती है। उत्पादक गतिविधियां बढ़ने पर भारतीय कामगारों की मांग भी बढ़ती है।
  • विदेश जाने वाले करोड़पतियों की तुलना में देश में हर वर्ष बनने वाले करोड़पतियों की संख्या ज्यादा है।

भारत को चाहिए कि करोड़पतियों के प्रवासन की भरपाई के लिए ऐसा व्यावसायिक वातावरण तैयार करता रहे, जिससे अधिक धन पैदा किया जा सके। फिलहाल अपना देश आर्थिक गतिविधि और जनसांख्यिकी के संदर्भ में अपने निर्यात क्षेत्र को बढ़ाने की रणनीति के रूप में प्रवासन का उपयोग करना जारी रख सकता है। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार ही होगा।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 सितंबर 2025