किसानों को होने वाली हानि के कारण तथा उपाय
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भारत में फसल उत्पादन बहुत अच्छा होता है। फिर भी व्यवस्थाओं में उपस्थित कुछ कमियों के कारण किसानों को हानि का सामना करना पड़ता है।
किसानों को होने वाली हानि के मुख्य कारण –
1- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार; अपर्याप्त कोल्ड स्टोरेज, खराब परिवहन व टूटी हुई आपूर्ति श्रृंखला के कारण प्रत्येक वर्ष 10% फसल नष्ट हो जाती है।
2– ई-नाम प्लेटफार्म के द्वारा 1250 से अधिक मंडियों को जोड़ा गया। लेकिन इसे अपनाने को लेकर भी बहुत असमानता है; विशेषतया मध्य व पूर्वी भारत में।
3- खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय के एक सर्वे के अनुसार, 4-8% अनाज तथा 5-15% सब्जियाँ खराब हो जाती हैं।
4- खराब रखरखाव व अपर्याप्त कोल्ड चेन के कारण दूध, मछली व मुर्गीपालन में बहुत नुकसान होता है। आय व श्रम संसाधनों के नुकसान से कृषि में विश्वास भी कम होता है।
5- 2024 के फार्मर वायस सर्वे के अनुसार 71% किसान गंभीर जलवायु प्रभावों का सामना कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में 15.7% गिरावट आई है।
हमें क्या करना चाहिए?
1- फसल कटने बाद किसानों के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले गोदाम, समुदायों द्वारा संचालित कोल्डचेन, मोबाइल पैकहाउस तथा रेफ्रिजरेटर परिवहन होने चाहिए। ताकि किसान तभी फसल बेचें, जब उन्हें पर्याप्त लाभ होता हो।
2- फसल बीमा योजना का विस्तार करना होगा। इसमें जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियाँ व बाजार में आई गिरावट को भी शामिल करना होगा।
3- किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण तथा ऋण सुविधाओं में मदद की जानी चाहिए।
4- हमें अपनी कृषि मूल्य श्रंखला ऐसे पुनर्गठित करनी चाहिए, जहाँ किसानों को परोक्ष उत्पादक न मानकर भंडारण, लाजिस्टिक्स और डिजिटल सुविधाओं में सक्रिय भागीदार माना जाए।
5- 2030 तक किसानों के काम के घंटे 5 से 8% कम करना भी एक लक्ष्य है।
6- कृषि प्रणालिया स्थिर नहीं होतीं। इन्हें समावेशी बनाने के लिए बदला जाना चाहिए।
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