अंतर-राज्यीय व्यापार पर अंकुश लगाना ठीक नहीं
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हाल ही में बंगाल ने राज्य से आलू बाहर जाने पर रोक लगा दी है। बंगाल से आलू मुख्यतः ओडिशा और झारखंड को भेजा जाता है। रोक लगने से इन राज्यों में आलू की कीमतों में बहुत उछाल आ गया है। ऐसा प्रतिबंध अनुचित क्यों है –
- संविधान का अनुच्छेद 301 पूरे भारत में व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
- सरकार भी ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ के विचार को लेकर चलती है। प्रतिबंध से उत्पादक इस सुविधा से वंचित होते हैं।
- आंतरिक व्यापार अर्थव्यवस्था की जीवन-रेखा है। तेजी से आगे बढ़ने के लिए हमें इसकी बहुत अधिक आवश्यकता है।
- अप्रैल 2023 में राज्य चुनावों से पहले कर्नाटक में अमूल के प्रवेश पर वहां के डेयरी महासंघ ने जोरदार विरोध किया था। यह एक राजनीतिक कारण, चुनावी मुद्दा और आक्रामक उप-राष्ट्रवाद का मामला बन गया था। ये प्रवृतियां किसी भी विकासशील देश के लिए विनाशकारी हो सकती हैं।
इसी प्रकार से गन्ना उत्पादकों को नियमों से बांधकर विशिष्ट मिलों तक सीमित करना, नदी के पानी को उप-राष्ट्रीय भूखंडों में बांध देना, या राज्य की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण देने के विचार को हटा दिया जाना चाहिए। तभी प्रगति हो सकती है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 2 दिसंबर, 2024
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