एक साथ चुनाव कराने की चुनौतियां
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केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की योजना को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है। समिति ने पहले लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है। इसके 100 दिनों के भीतर नगरपालिका और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। ऐसा करने के लिए सरकार को संसद और विधानसभाओं से जुड़े संवैधानिक संशोधन करने होंगे। इस प्रस्वाव के पीछे दो प्रमुख कारण बताए गए हैं –
1) एक साथ चुनाव होने से संचालन लागत काफी कम होगी।
2) राजनीतिक दल एक ही समय पर प्रचार अभियान में व्यस्त होंगे। इससे शासन और विधायी कार्य कम प्रभावित होंगे।
विदेशों के उदाहरण –
– बेल्जियम, स्वीडन और दक्षिण अफ्रीका में एक साथ चुनाव होते हैं।
योजना से जुड़ी चुनौतियां –
– एक साथ चुनाव कराने के लिए कर्मियों और केंद्रीय बलों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना।
– शिकायतों से निपटना।
– आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखना।
– मतदान के 2-3 सेट के लिए ईवीएम की उपलब्धता।
– मतदाता जागरूकता।
– संचालन लागत को वास्तविकता में कम करना।
– यह योजना संघीय व्यवस्था के विरूद्ध है।
‘समाचार पत्रों’ पर आधारित। 20 सितंबर, 2024