क्या निजी संपत्ति को समुदाय के भौतिक संसाधनों का हिस्सा माना जा सकता है?
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हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण मामले में निर्णय देते हुए कहा है कि सरकार के पास निजी सम्पत्तियों को अधिग्रहित कर उसका पुनर्वितरण करने का अधिकार नहीं है।
कुछ बिंदु –
- संविधान पीठ ने कहा कि कुछ निजी सम्पत्तियाँ अनुच्छेद 39(वी) के अतंर्गत आ सकती हैं, बशर्ते वे ‘भौतिक संसाधन‘ व ‘समुदाय के‘ होने की योग्यताएं पूरी करती हों। इस हेतु उन सम्पत्तियों को कुछ परीक्षणों को पूरा करना होगा।
- सामुदायिक कल्याण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले केवल उन्हीं संसाधनों पर विचार किया जा सकता है, जिनकी अनूठी विशेषताएं हैं, और जो सामुदायिक कल्याण के लिए आवश्यक हैं।
- न्यायालय का यह निर्णय बाजार-संचालित नीति का समर्थन करता है। जबकि निजी संपत्ति पर दिया गया पिछला निर्णय विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था।
संक्षेप में, सर्वोच्च न्यायालय ने जो निर्णय सुनाया है, वह यह स्थापित करता है कि संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या आर्थिक नीतियों में बदलाव के साथ भिन्न हो सकती है। साथ ही यह मूल संरचना सिद्धांत को भी यथावत रखती है।
समाचार पत्रों पर आधारित। 06 नवंबर, 2024
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